Wednesday, March 11, 2009
PLANETS' CHARACTERISTICS
Though these are the Exaltation houses, yet there is a particular dgree in them which is termed the highest Exaltation point. so far the seven planets beginning with the Sun the dgrees of heighest exaltation are in order the 10th, 3rd, 28th, 15th, 5th, 27th, and 20th in their respective exaltation Rasis. So you can call the Sun really Exalted if he is in the 10th degree of Mesa.
Sunday, March 8, 2009
RASHI GYAN
इसका ना कहीं आदि है, ना अंत है। विज्ञानं मानता है कि इस ब्रमांड में अनेक सौरमंडल हैं, अनेक सूर्य हैं। अनंत कि दूरी नापने में ' अंक ' फ़ैल हो गए । अरबो कि संख्या असहाय हो गई। तब वैज्ञानिको ने दूरी नापने के लिए 'प्रकाश वर्ष ' का आविष्कार किया। ब्रमांड में प्रकाश कि गति सबसे तेज है। एक सेकंड में १,८६,२८२ मील पहुँच जाता है।
भचक्र को बारह राशियों में विभाजित किया गया है। उस भचक्र का एक-एक ग्रह उसका देवता बना दिया गया है और ग्रह के साथ नक्षत्रों का रिश्ता बना दिया गया। फ़िर बारह महीनो का नाम करण कर दिया गया।
भचक्र का केन्द्र सूर्य है। सूर्य जिस दिन भचक्र में प्रवेश करता है , राशिः में उसी दिन से सौरमास शुरू हो जाता है। सूर्य मास के आलावा चंद्र मास भी माना जाता है। इसमे में मास का नाम उस नक्षत्र पर आता है जो किसी मास की पूर्णमासी पर पड़ता है। सौर मास ३०-३१ दिन का होता है, जबकि चंद्र मास २७ से २९ दिन का होता है। चंद्रमा सबसे तेज गति में भ्रमण करता है। इस कारण संसार में पंचांग का भविष्य कथन सौर पद्धिति , चंद्र पद्धिति पर निर्धारित है। दोनों का उद्देश्य एक है, पर मार्ग अलग अलग है। हमारा ज्योतिष शास्त्र चंद्र पद्दिती पर आधारित है इसलिए चन्द्र-मास का प्रचलन भारतवर्ष में अधिक समय से चल रहा है।
प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में इस प्रकार से बारह राशियों का निवास माना गया है। उसके शरीर का नियंत्रण, सञ्चालन यह राशियां अपने-अपने स्वामी ग्रहों के प्रभाव के अनुसार करती हैं। ग्रहों के विकिरण के फलस्वरूप शरीर के कौन कौन से अंग प्रभावित होतें हैं।
सभी राशियां एक निश्चित स्थान पर मानव शरीर में निवास करती है।
क्रम राशिः स्वामी शरीर का निश्चित स्थान
- मेष मंगल सर,चेहरा,आँख , दांत , कान
- वृषभ शुक्र गला,चेहरा,कंठ
- मिथुन बुध वक्ष, बाजू, चेहरा
- कर्क चंद्रमा ह्रदय,सीना, फेफडे, कोहनी
- सिंह सूर्य पेट , पीठ, हाथ का निचला भाग
- कन्या बुध कमर, हाथ , पेट में जिगर , आँख
- तुला शुक्र गुर्दे , पेट के नीचे योनी के समीप
- वृश्चिक मंगल गुदा, योनी, लिंग
- धनु गुरू जांघ , नितम्ब
- मकर शनि दोनों घुटने
- कुम्भ शनि नितम्ब , पैर
- मीन गुरू पाँव , एडी
